भारतीय शेयर बाजार में पिछले चार सालों की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। निवेशकों के 16 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और इसका सीधा असर सेंसेक्स और निफ्टी पर पड़ा है। यह गिरावट वैश्विक बाजारों में जारी मंदी की आहट और अमेरिका में बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी के कारण आई है।
इस आलेख में हम इस गिरावट के प्रमुख कारणों, इसके परिणामों और आगे की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
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शेयर बाजार की सबसे बड़ी गिरावट: निवेशकों के डूबे 16 लाख करोड़ | Stock Market Crash: Investors Lose 16 Lakh Crore |
प्रमुख कारण:
वैश्विक मंदी की आहट:
अमेरिका में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई डाटा में बड़ी कमी और बेरोजगारी दर में वृद्धि ने वैश्विक बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। अमेरिकी बाजारों की भयंकर गिरावट के चलते भारतीय शेयर बाजार भी भारी दबाव में आ गया है।
बैंक ऑफ जापान की ब्याज दरों में बढ़ोतरी:
बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने जापान के शेयर बाजार में गिरावट लाई है, जिसका प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।
मीडिल ईस्ट में तनाव:
हमास चीफ की हत्या के बाद मीडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है, जिससे ईरान-इजराइल के बीच युद्ध की आशंका बढ़ गई है। यह भी ग्लोबल मार्केट को प्रभावित कर रहा है।
परिणाम:
निवेशकों का नुकसान:
BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ रुपये घट गया है। इससे निवेशकों की पूंजी में भारी गिरावट आई है और उनकी दौलत का बड़ा हिस्सा स्वाहा हो गया है।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट:
सेंसेक्स में 2500 पॉइंट से ज्यादा की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी-50 ने 424 अंक की गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया।
आगे की संभावनाएं:
मार्केट एक्सपर्ट की राय:
मार्केट एक्सपर्ट अरुण केजरीवाल के अनुसार, यह गिरावट कुछ दिनों में करेक्शन की ओर जा सकती है। निवेशकों को इस समय धैर्य रखने की जरूरत है और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।
निवेशकों की रणनीति:
निवेशकों को अभी इंतजार करना चाहिए और बाजार की स्थितियों को समझने के बाद ही नए निवेश का निर्णय लेना चाहिए।
Conclusion:
भारतीय शेयर बाजार में आई इस गिरावट ने निवेशकों के लिए एक बड़ा सबक सिखाया है कि मार्केट हमेशा सुप्रीम होता है। वैश्विक बाजारों में जारी उथल-पुथल का सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है। निवेशकों को अभी धैर्य रखने और सही समय पर निवेश करने की सलाह दी जाती है। आगे के दिनों में करेक्शन की संभावनाएं बनी हुई हैं, जिससे बाजार में स्थिरता आ सकती है।