वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2024 के दौरान, हम बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने के फायदों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यह सप्ताह हर साल 1 से 7 अगस्त के बीच मनाया जाता है, और इसका उद्देश्य दुनिया भर में माताओं को ब्रेस्टफीडिंग के महत्व और इसके अद्वितीय लाभों के बारे में जागरूक करना है। ब्रेस्टफीडिंग केवल बच्चे को पोषण प्रदान नहीं करती, बल्कि यह बच्चे के समग्र स्वास्थ्य और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
माँ का दूध बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। ब्रेस्टफीडिंग बच्चे को कई गंभीर बीमारियों से बचाने में सहायक होती है, जैसे कि अस्थमा, मोटापा, टाइप 1 डायबिटीज, कान के इन्फेक्शन, और पेट की बीमारियां। इसके अलावा, यह माँ के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है, जिससे पोस्टपार्टम रिकवरी में मदद मिलती है और ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।
ब्रेस्टफीडिंग के लाभ केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक और भावनात्मक भी हैं। माँ और बच्चे के बीच ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एक गहरा संबंध बनता है, जिससे बच्चे की मानसिक और भावनात्मक विकास में मदद मिलती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, माँ और बच्चे के बीच त्वचा से त्वचा का संपर्क महत्वपूर्ण होता है, जो बच्चे को सुरक्षित और प्यार भरा महसूस कराता है।
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ब्रेस्टफीडिंग वीक 2024: माँ और बच्चे के लिए फायदे Breastfeeding Week 2024: Benefits for Mom & Baby |
आइए, विशेषज्ञों के माध्यम से जानें कि ब्रेस्टफीडिंग के क्या-क्या फायदे हैं और इसे सही तरीके से कैसे करें ताकि माँ और बच्चे दोनों को इसका पूरा लाभ मिल सके।
मुख्य बिंदु
ब्रेस्टफीडिंग के फायदे
ब्रेस्टफीडिंग के लाभ अनगिनत हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, माँ का दूध बच्चे को सभी जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है। यह बच्चे को मालनूट्रिशन की आशंका से बचाता है और अस्थमा, मोटापा, टाइप 1 डायबिटीज, कान के इन्फेक्शन और पेट की बीमारियों का खतरा कम करता है।
मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम की सीनियर डायरेक्टर और यूनिट हेड डॉ. सुमन लाल बताती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग से पोस्टपार्टम रिकवरी में भी मदद मिलती है। इससे माँ ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर जैसी बीमारियों से भी बच सकती हैं।
सही समय पर ब्रेस्टफीडिंग कराना जरूरी
डॉ. सुमन लाल के अनुसार, सफल ब्रेस्टफीडिंग के लिए त्वचा से त्वचा का संपर्क जरूरी है। अगर बच्चा हाथ चूस रहा है या काफी मूवमेंट कर रहा है तो यह संकेत है कि उसे भूख लग रही है। बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए आरामदायक स्थिति सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि बच्चे को सही से दूध पिलाया जा सके और माँ और बच्चे दोनों को असुविधा कम हो।
कब तक बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराएं?
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और WHO के अनुसार, जन्म के बाद से 6 महीने तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। इसके बाद पूरक आहार के साथ दो साल या उससे अधिक समय तक स्तनपान कराना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखें कि बच्चे को केवल माँ का दूध ही पिलाएं और किसी तरह का बाजार से आने वाला दूध या गाय, भैंस का दूध बिल्कुल न दें, इससे बच्चे की सेहत बिगड़ सकती है।
ब्रेस्टफीडिंग के फायदे:
- माँ और बच्चे के लिए पोषण: माँ का दूध बच्चे के लिए संपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: बच्चे को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।
- बॉन्डिंग: माँ और बच्चे के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत होता है।
- माँ के स्वास्थ्य के लिए लाभ: ब्रेस्टफीडिंग माँ के लिए कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।
सफल ब्रेस्टफीडिंग के टिप्स
- त्वचा से त्वचा का संपर्क: बच्चे को सीधे माँ की त्वचा के संपर्क में रखें।
- आरामदायक स्थिति: माँ और बच्चे दोनों के लिए आरामदायक स्थिति में ब्रेस्टफीडिंग करें।
- बच्चे के संकेतों को पहचानें: जब बच्चा भूखा हो, तो उसे सही समय पर दूध पिलाएं।
ब्रेस्टफीडिंग के समय ध्यान रखने योग्य बातें
- डकार आना: बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के बाद डकार आना जरूरी है।
- सही समय पर ब्रेस्टफीडिंग: जब बच्चा भूखा हो, तो उसे सही समय पर दूध पिलाएं।
- माँ का स्वास्थ्य: माँ को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए ताकि वह बच्चे को सही पोषण प्रदान कर सके।
विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. सुमन लाल के अनुसार, सफल ब्रेस्टफीडिंग के लिए माँ को स्वस्थ और संतुलित आहार लेना चाहिए। साथ ही, उसे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए ताकि वह बच्चे को सही पोषण प्रदान कर सके।
Conclusion
ब्रेस्टफीडिंग न केवल बच्चे के लिए बल्कि माँ के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक लाभ अनगिनत हैं। माँ का दूध बच्चे को पोषक तत्व प्रदान करता है, उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और उसे कई गंभीर बीमारियों से बचाता है।
माँ के लिए, यह पोस्टपार्टम रिकवरी में मदद करता है और उसे ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, माँ और बच्चे के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत होता है, जो बच्चे की मानसिक और भावनात्मक विकास में सहायक होता है। ब्रेस्टफीडिंग के फायदे अनगिनत हैं, और यह जरूरी है कि माँ और बच्चे दोनों को इसका पूरा लाभ मिले।
विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, सफल ब्रेस्टफीडिंग के लिए त्वचा से त्वचा का संपर्क जरूरी है, बच्चे को सही समय पर दूध पिलाना चाहिए, और माँ को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2024 के अवसर पर, आइए हम सभी ब्रेस्टफीडिंग के महत्व और इसके अनगिनत लाभों के बारे में जागरूकता फैलाएं और माँ और बच्चे के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।