नाग पंचमी के पावन अवसर पर हर साल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट सिर्फ एक दिन के लिए खुलते हैं। इस दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा की जाती है। यहां मान्यता है कि दर्शन करने से सर्प दोष समाप्त हो जाते हैं। जानिए इस मंदिर के पीछे की अद्भुत कथा और महत्व।
नागचंद्रेश्वर मंदिर की अद्वितीयता
नागचंद्रेश्वर मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। यह मंदिर केवल नाग पंचमी के दिन ही खुलता है, और भक्तों को भगवान शिव, माता पार्वती, और उनके पुत्र गणेश जी के दुर्लभ दर्शन होते हैं। मंदिर की अद्वितीय मूर्ति में भगवान शिव और माता पार्वती नागराज तक्षक की सर्प शय्या पर विराजमान हैं, जो अन्यत्र कहीं नहीं पाई जाती।
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नागचंद्रेश्वर मंदिर: नाग पंचमी पर एक दिन खुलता है अद्भुत मंदिर Nagchandreshwar Temple: Opens on Nag Panchami |
नाग पंचमी के दिन खुलने का महत्व
नाग पंचमी के दिन नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलते हैं, जो भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। मंदिर 8 अगस्त की रात 12 बजे से 9 अगस्त की रात 12 बजे तक खुला रहता है। इस अवधि में भक्तों को सर्प दोष से मुक्ति की मान्यता है, जिससे वे विशेष पूजा और दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं।
पौराणिक कथा और धार्मिक महत्व
मंदिर के इतिहास के अनुसार, सर्पराज तक्षक ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की थी। इसके फलस्वरूप, शिव जी ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया। सर्पराज तक्षक ने एकांत में वास करने की इच्छा व्यक्त की, जिससे यह मंदिर साल भर बंद रहता है और केवल नाग पंचमी के दिन खुलता है।
दर्शन का महत्व और आयोजन
इस मंदिर में दर्शन करना बहुत ही दुर्लभ अवसर होता है, क्योंकि मंदिर साल में केवल एक बार ही खुलता है। भक्तों की भारी भीड़ इस दिन उमड़ती है और मंदिर प्रांगण में विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। नागचंद्रेश्वर के दर्शन से सर्प दोष और अन्य विपत्तियों से मुक्ति मिलती है, जो इस दिन की महत्ता को और बढ़ा देती है।
Conclusion
नागचंद्रेश्वर मंदिर की विशेषता और पौराणिक महत्व इसे अद्वितीय बनाते हैं। नाग पंचमी के दिन इस मंदिर के दर्शन से भक्तों को सर्प दोष से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस अद्भुत अवसर का लाभ उठाने के लिए भक्तजन दूर-दूर से आते हैं और इसे एक धार्मिक उत्सव के रूप में मनाते हैं।
FAQ
नागचंद्रेश्वर मंदिर क्या है?
नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित एक मंदिर है, जो साल में केवल नाग पंचमी के दिन खुलता है।
नाग पंचमी पर नागचंद्रेश्वर मंदिर कब खुलता है?
नाग पंचमी के दिन नागचंद्रेश्वर मंदिर 8 अगस्त की रात 12 बजे से 9 अगस्त की रात 12 बजे तक खुला रहता है।
नागचंद्रेश्वर मंदिर की मूर्ति की विशेषता क्या है?
मूर्ति में भगवान शिव और माता पार्वती नागराज तक्षक की सर्प शय्या पर विराजमान हैं, जो अन्यत्र कहीं नहीं पाई जाती।
नाग पंचमी पर दर्शन करने का महत्व क्या है?
नाग पंचमी के दिन दर्शन करने से सर्प दोष से मुक्ति मिलती है और अन्य विपत्तियों से रक्षा होती है।
नागचंद्रेश्वर मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?
सर्पराज तक्षक की तपस्या और भगवान शिव के वरदान से जुड़ी पौराणिक कथा इस मंदिर को विशेष धार्मिक महत्व देती है।